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पूर्वी लद्दाख1 घंटे पहले
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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 1 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश के बुमला पास पर चीनी सैनिकों से बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
पूर्वी लद्दाख के भारत-चीन बॉर्डर पर भारतीय सेना की पेट्रोलिंग का पहला राउंड पूरा हो गया है। 1 नवंबर को गश्त डेमचोक और डेपसांग इलाके में गश्त शुरू हुई थी।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, दोनों इलाकों में एक बार भारतीय सैनिकों और एक बार चीनी सैनिकों की तरफ से गश्त की जाएगी। पेट्रोलिंग के लिए सैनिकों की सीमित संख्या तय की गई है। ये संख्या कितनी है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
दरअसल, भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद 21 अक्टूबर को एक समझौता हुआ कि दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी।
भारत-चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को कहा था कि सैनिकों की वापसी पहला कदम है। अगला कदम तनाव कम करना है। ये तनाव तभी कम होगा, जब भारत को यकीन हो जाए कि चीन भी ऐसा ही चाह रहा है। तनाव कम करने के बाद, बॉर्डर को कैसे मैनेज किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।
तस्वीर लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प की है। इसी के बाद दोनों देशों के बीच विवाद गहराया।
भारतीय सैनिकों ने दिवाली पर मिठाई बांटी थी दिवाली के मौके पर 1 नवंबर को पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, काराकोरम पास, दौलत बेग ओल्डी, कोंग्कला और चुशुल-मोल्डो से लगे लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर दोनों देशों के अफसरों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और दीपावली की बधाई दी थी।
संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश के बुमला पास पर चीनी सैनिकों से बात की। रिजिजू ने सोशल मीडिया X पर इसका एक वीडियो भी पोस्ट किया। रिजिजू ने LAC पर मौसम और वहां के हालात के बारे में पूछा- क्या हाई एल्टीट्यूड में प्रॉब्लम नहीं होती है? इस पर चीनी सैनिकों ने बताया कि उन्हें प्रॉब्लम नहीं होती है। इस पर रिजिजू कहते हैं कि अगर प्रॉब्लम हो तो ऑक्सीजन सिलेंडर तो होता होगा? चीनी सैनिकों ने बताया कि वो मौसम में ढल गए हैं। रिजिजू की ये बातचीत भारतीय सैनिकों के माध्यम से हुई।
दिवाली पर भारत-चीन सैनिकों के मुलाकात की 5 तस्वीरें…
पूर्व लद्दाख के चुशुल मॉल्डो में दोनों देशों के सैनिकों ने एक-दूसरे को गिफ्ट दिए।
लद्दाख के कोंग्कला में दोनों देशों के सैनिकों ने हाथ मिलाया।
भारत और चीन के सैनिकों ने हॉट स्प्रिंग्स इलाके में एक पुल पर खड़े होकर साथ में फोटो खिंचवाई।
कारकोरम पास में दोनों देशों के सैनिकों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया।
दौलत बेग ओल्डी में भारत-चीन के सैनिक एक साथ तस्वीर खिंचवाते हुए।
जानिए भारत-चीन बॉर्डर पर कैसे पीछे हटीं सेनाएं भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद एक समझौता हुआ कि दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी।
18 अक्टूबर: देपसांग और डेमचोक से पीछे हटने की जानकारी सामने आई थी। इसमें बताया गया था कि यहां से दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी। साथ ही उन्हीं क्षेत्रों में गश्त करेंगी, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग होती रहेगी।
21 अक्टूबर: 2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि इसका मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात बनाना है।
25 अक्टूबर: भारत और चीन की सेनाएं 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई थीं। सबसे पहले डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटाए थे। गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले गए हैं।
30 अक्टूबर: सेना के सूत्रों ने बताया कि, जिन दो इलाकों में विवाद था। वहां से दोनों देशों की सेनाएं पूरी तरह से पीछे हट चुकी हैं। सेना ने डिएस्केलेशन प्रोसेस को वैरिफाई भी किया।
अब पढ़िए भारत-चीन सीमा विवाद की पूरी डिटेल…
गलवान घाटी-गोगरा हॉट स्प्रिंग्स पर पेट्रोलिंग पर अभी फैसला नहीं समझौते में लद्दाख के देपसांग के तहत आने वाले 4 पॉइंट्स को लेकर सहमति बनी, लेकिन डेमचोक के गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स में गश्त को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।
देपसांग: भारतीय सेना के मुताबिक, सैनिक अब गश्त के लिए देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11-A, 12 और 13 तक जा सकेंगे।
डेमचोक: पेट्रोलिंग पॉइंट-14 यानी गलवान घाटी, गोगरा हॉट स्प्रिंग्स यानी PP-15 और PP-17 बफर जोन हैं। बफर जोन यानी ऐसा इलाका जहां दोनों सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं आ सकतीं। ये जोन विपक्षी सेनाओं को अलग करते हैं।
गलवान में 15 जून 2020 को झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे
15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगहों पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।
भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं।
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे।
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