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- Sikkim Pangolakha Sanctuary Tiger Spotted At 3,640 Meters Amid MP Tiger Deaths
गंगटोकएक घंटा पहले
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रॉयल बंगाल टाइगर की यह तस्वीर BNHS के ट्रैप कैमरा ने फरवरी 2023 में रिकॉर्ड की थी।
देश में पहली बार समुद्र तल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर टाइगर देखा गया है। यह जगह है सिक्किम के पाकयोंग जिले की पांगोलाखा वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी। जहां 3640 मीटर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर बाघ का मूवमेंट कैमरे में कैद हुआ। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी ने यह तस्वीर 6 दिसंबर को X (पहले ट्विटर) पर शेयर की है।
बाघों का मूवमेंट रिकॉर्ड करने के लिए सोसाइटी के साइंटिस्ट अथर्व सिंह और उनकी टीम ने दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच 2300 मी. से 4100 मी.तक अलग-अलग ऊंचाई पर कैमरे लगाए थे।
पांगोलाखा में 2019 में भी रॉयल बंगाल टाइगर ट्रैप कैमरे में कैद हुआ था, हालांकि तब ऊंचाई बहुत कम थी। 2018 में 3630 मीटर की ऊंचाई पर अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में हाइएस्ट टाइगर साइट बनी थी।
हालांकि इससे पहले सबसे ज्यादा ऊंचाई 4000 मीटर (13,100 फीट) पर बाघों का मूवमेंट देखा गया था, लेकिन यह जगह पड़ोसी देश भूटान में थी।
साल भर बाद पब्लिश की तस्वीर
बॉम्बे नेशनल हिस्ट्री सोसाइटी वेटलैंड्स और फ्लाईवेज प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर पी सथियासेल्वम ने बताया कि ये तस्वीर फरवरी 2023 में रिकॉर्ड हुई थी। हालांकि उन्हें सार्वजनिक करने से पहले सभी रिकॉर्ड्स की जांच की गई, बाद में पब्लिश किया गया। इसलिए इसमें 10 महीने लगे।
भूटान से सिक्किम आने के लिए बाघों का कॉरिडोर
कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि जहां बाघ नजर आया है, उसे बाघ भूटान में क्योंगनोसला और फैम्बोंग लो सेंक्चुरी से सिक्किम के जंगलों में आने के लिए कॉरिडोर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, पांगोलाखा सेंक्चुरी, भूटान और पश्चिम बंगाल के नेओरा वैली नेशनल पार्क से जुड़ी है। यहां रेड पांडा, हिम तेंदुए, हिमालयी कस्तूरी मृग, हिमालयी गोरल और हिमालयी काले भालू भी पाए जाते हैं।
टाइगर स्टेट में MP में एक साल में 38 बाघ खोए, 37 की मौत का कारण पता नहीं
इधर, बात अगर टाइगर स्टेट के नाम से मशहूर मध्यप्रदेश की करें तो 2023 में अब तक मप्र ने 38 बाघ खो दिए हैं। पिछले साल कुल 34 बाघों की मौत हुई थी। इस साल जिन बाघों की मौत हुई है, उनमें से एक चौथाई यानी 10 की जान टाइगर रिजर्व से बाहर हुई है।
केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 38 बाघों की मौत हुई। सिवा बाघ की प्राकृतिक मौत के अलावा 37 मौतें ‘अन्य कारणों’ से होना बताया गया है। देशभर में अब तक कुल 163 बाघों की मौत हो चुकी है।
प्रदेश में कुल 6 टाइगर रिजर्व रहे हैं। इस सितम्बर 2023 में केंद्र ने वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व को 7वें टाइगर रिजर्व के रूप में नोटिफाई किया है।