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हैदराबादएक घंटा पहले
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2006-2008 के बीच भी करुणाकर रेड्डी को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया था।
देश के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति के बोर्ड का अध्यक्ष वहां के विधायक करुणाकर रेड्डी को बनाए जाने के बाद विवाद पैदा हो गया है। वजह ये है कि करुणाकर रेड्डी का परिवार ईसाई धर्म को मानता है। आंध्र सरकार के इस फैसले पर तेलुगुदेशम पार्टी (TDP), भाजपा और कई विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाया है।
TDP के प्रदेश सचिव बुच्ची राम प्रसाद ने पूछा कि हिंदू धर्म में आस्था न रखने वाले व्यक्ति को मंदिर का अध्यक्ष कैसे बना सकते हैं। सबको पता है कि वे ईसाई धर्म मानते हैं, उनके ईसाई लोगों से संबंध हैं। उनकी बेटी की शादी ईसाई रीति-रिवाजों से हुई थी।
विपक्षी दलों का कहना है कि मंदिर की ट्रस्ट का अध्यक्ष ऐसे व्यक्ति को ही बनाया जाना चाहिए जिसकी हिंदू धर्म में पूरी आस्था हो।
भाजपा बोली- इस पद का राजनीतिक इस्तेमाल दुर्भाग्यपूर्ण
वहीं, राज्य की भाजपा इकाई की अध्यक्ष डी पुरंदेश्वरी ने भी कहा कि हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले को ही इस पद पर बैठाना चाहिए। सरकार के फैसले से साबित होता है कि इस पद को सरकार राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है।
तिरुपति बोर्ड में एग्जीक्यूटिव अफसर रह चुके भाजपा नेता और पूर्व चीफ सेक्रेटरी आई वाई आर कृष्णा राव ने भी सरकार के फैसले को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि TTD ट्रस्ट बोर्ड का अध्यक्ष पद राजनीतिक नियुक्ति बनकर रह गया है।
राज्य सरकार ने अपने फैसले को जायज ठहराया
YSRCP ने अपने फैसले को जायज ठहराया है। पार्टी विधायक श्रीकांत रेड्डी ने कहा कि करुणाकर रेड्डी की धार्मिक आस्था को लेकर कोई कॉन्ट्रोवर्सी नहीं है। विपक्षी दल बिना बात के मुद्दा बना रहे हैं। तिरुपति के लोग करुणाकर रेड्डी और उनके धर्म को लेकर सब जानते हैं।
करुणाकर रेड्डी वाई एस आर परिवार के कट्टर समर्थक हैं।
दूसरी बार ट्रस्ट के अध्यक्ष बनेंगे करुणाकर
करुणाकर रेड्डी 10 अगस्त को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष पद पर बैठेंगे। ये दूसरी बार है जब उन्हें ये पद सौंपा गया है। जब जगन मोहन रेड्डी के पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब 2006-2008 के बीच भी करुणाकर रेड्डी को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया था।
करुणाकर रेड्डी वाई एस आर परिवार के कट्टर समर्थक हैं। पहले वे भी जगन मोहन रेड्डी के साथ कांग्रेस में थे। जब जगन मोहन ने अपने पिता की मृत्यु के बाद कांग्रेस छोड़कर YSR कांग्रेस बनाई, तो करुणाकर उनके साथ आ गए। करुणाकर का कहना है कि उनका परिवार ईसाई धर्म का पालन करता है, पर वे हिंदू धर्म को मानते हैं।
प्रभु वेंकटेश्वर भगवान विष्णु का अवतार हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक सरोवर के किनारे निवास किया था।
तिरुपति मंदिर के पास 2.5 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति
तिरुमाला का श्री वेंकटेश्वरा मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है। इसके पास 2.5 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसमें 10.25 टन सोना और 3000 करोड़ रुपए की सालाना कमाई शामिल है। हर साल हुंडी कलेक्शन या श्रद्धालुओं के दान से 1,500 करोड़ रुपए जमा होते हैं।
2023-24 के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने 4,411 करोड़ रुपए का बजट पास किया था। ये पिछले साल के बजट से 43% ज्यादा है। 1933 में TTD बोर्ड बनाए जाने के बाद से अब तक इस साल का बजट सबसे ज्यादा है।
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