नागपुर11 मिनट पहले
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पुलिस ने धारा 63 और पॉक्सो के तहत केस दर्ज किया है, आरोपी को 10 साल की जेल हो सकती है।
महाराष्ट्र में रविवार को 9 साल की बच्ची के साथ रेप कि घटना सामने आई है। आरोपी ने 5 साल की छोटी बहन को चुप रहने के लिए 20 रुपए दिए। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी अभी पुलिस की हिरासत में नहीं आया है।
महाराष्ट्र के एक गांव में रहने वाला एक परिवार तीन साल पहले नागपुर रहने आया था। रविवार सुबह पति-पत्नी काम पर गए थे। घर में 9 और 5 साल की दो बच्चियां थी। शाम 4 बजे एक व्यक्ति घर में पति-पत्नी के बारे में पूछने के बहाने से घुसा और 9 साल की बच्ची का रेप किया।
बच्ची ने माता-पिता को काम से लौटने के बाद घटना के बारे में बताया।
पुलिस ने बताया कि बच्ची से मिली जानकारी के हिसाब से आरोपी मराठी बोलने वाला है। उसके माथे पर तिलक लगा था। वह जानता था बच्चियां किस समय घर में अकेली रहती है।
पुलिस ने धारा 63 और पॉक्सो के तहत केस दर्ज किया है। इन धाराओं में आरोपी को 10 साल की जेल हो सकती है।
पिछले 2 महीने में महाराष्ट्र के 2 बड़े रेप केस
1. मुंबई में पिता ने 2 नाबालिग बेटियों से किया दुष्कर्म
मुंबई के गिरगांव इलाके में 52 साल के शख्स ने अपनी दो नाबालिग बेटियों के साथ कई बार दुष्कर्म किया। बड़ी बेटी के साथ उसका ही पिता 2011 से रेप कर रहा था, जब वह महज 5 साल की थी। आरोपी पिता ने उसे इस बारे में किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इसलिए कई सालों से वह यह अत्याचार चुपचाप सहती रही। आखिरकार 18 वर्षीय पीड़िता ने इसकी शिकायत बाल कल्याण समिति से की और तब मामला वर्सोवा पुलिस के पास पहुंचा।
2 महाराष्ट्र के पालघर में 10 साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार
महाराष्ट्र के पालघर जिले में पुलिस ने 10 साल के एक लड़की के साथ रेप के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी नाबालिग को 2 सितम्बर की सुबह नाला सोपारा में एक सुनसान जगह पर ले गया और वहां उसके साथ रेप किया। लड़की की मां ने छह सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद आरोपियों राहुल गेंडे (41) और शाहू उर्फ लंबू (35) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और POSCO के तहत गेंग रेप का मामला दर्ज किया गया।
पॉक्सो एक्ट की किस धारा में कितनी सजा
- धारा 3 : सेक्शुअल हरेस्मेंट के लिए 10 साल की जेल
- धारा 7 : सेक्शुअल असॉल्ट के लिए 3 साल की जेल
- धारा 13 : पोर्नोग्राफी के लिए बच्चों का इस्तेमाल करने पर 5 साल की जेल
पॉक्सो एक्ट निर्भया केस के बाद लागू हुआ था
पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ़्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस ऐक्ट), 14 नवंबर, 2012 को लागू हुआ था। यह कानून बच्चों के सेक्शुअल हरेसमेंट और असॉल्ट से जुड़े अपराधों के लिए बनाया गया था। यह कानून दिल्ली के निर्भया केस के बाद लागू किया गया था।
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बच्चों को यौन हिंसा से संरक्षित करने वाले कानून पॉक्सो एक्ट 2012 के विभिन्न पहलुओं की गहन पड़ताल के बाद लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट कानून मंत्रालय को सौंप दी है। लॉ कमीशन की बैठक 27 सितंबर को हुई थी।