चक्रधरपुर : बीएनडीएम रेलवे अस्पताल को डाउनग्रेड करने का विचार घातक, प्रशासन करे पुर्नविचार

  • डीपीआरएमएस नेताओं ने SER की चीफ मेडिकल डायरेक्टर से मिलकर रखी बातें, मांगों पर की चर्चा  
  • 10,000 से अधिक रेलवे कर्मचारियों की सुविधा को लेकर बीएनडीएम अस्पताल को अपग्रेड करने की मांग 

KOLKATTA. दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ (DPRMS) के प्रतिनिधिमंडल ने चीफ मेडिकल डायरेक्टर डॉ अंजना मल्होत्रा से मिलकर चक्रधरपुर रेलमंडल में चिकित्सा सुविधाओं को लेकर कई बिंदुओं पर अपनी चिंता से अवगत कराया है. डीपीआरएमएस के मंडल संयोजक एके झा की अगुवाई में गये प्रतिनिधिमंडल ने मूल रूप से बीएनडीएम रेलवे अस्पताल में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया और तत्काल यहां डॉक्टरों को पदस्थापित करने की मांग रखी.

मजदूर संघ के नेताओं ने बीएनडीएम रेलवे अस्पताल में रिक्त सभी पदों को  भरने की भी मांग उठायी और बताया कि यह इस क्षेत्र का एकमात्र रेलवे अस्पताल है जिस पर बड़ी संख्या में रेलकर्मी आश्रित है. मंडल संयोजक एके झा ने मेडिकल डायरेक्टर से चर्चा में यह बात उठायी कि अब तक मिल रही जानकारी में इस अस्पताल को डाउनग्रेड करने की सूचना आ रही है. उन्होंने इस पर चिंता जतायी और कहा कि इस अस्पताल को डाउनग्रेड करने की जगह 10,000 से अधिक रेलवे कर्मचारियों की चिकित्सा आवश्यकता को पूरा करने के लिए अपग्रेड करने की आवश्यकता है.

मंडल संयोजक ने मेडिकल डायरेक्टर को बताया कि रेलवे कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय है कि प्रशासन रेलवे अस्पताल को स्वास्थ्य इकाई में परिवर्तित करने की योजना बना रहा है. कहा कि यह पश्चिमी ओडिशा और सीकेपी डिवीजन के इस हिस्से में एकमात्र तुलनात्मक रूप से बेहतर रेलवे अस्पताल है. यह अस्पताल तीन लोको शेड (डीजल और इलेक्ट्रिकल लोको शेड बीएनडीएम और इलेक्ट्रिक लोको शेड राउरकेला) सहित कई रेलवे कार्य इकाई की सेवा करता है. सभी कर्मचारी किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता के लिए पूरी तरह से रेलवे अस्पताल पर निर्भर हैं. किसी भी ठीक से सुसज्जित चिकित्सा प्रतिष्ठान की अनुपस्थिति कर्मचारियों के लिए घातक साबित हो सकती है.

आज बीएनडीएम रेलवे अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है, इसलिए डॉक्टरों की तत्काल नियुक्ति की जरूरत है. यही नहीं अस्पताल के सुचारू संचालन के लिए बीएनडीएम रेलवे अस्पताल में सभी रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए. इस मौके पर बिना किसी रेलवे रेफरल पत्र के आपातस्थिति में रेलवे लाभार्थियों के लिए सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में यूएमआईडी कार्ड का क्रियान्वयन करने, रेफरल के उद्देश्य से राउरकेला के अपोलो अस्पताल से संपर्क करने की मांग भी की गयी.

बताया गया कि जेएसजी से बीएनडीएम क्षेत्र में बीएक्सएफ, बीयूएफ, केएमपीडी और एनएक्सएन, ओआरजीए तक शाखा लाइन क्षेत्र सहित 10,000 से अधिक रेलवे कर्मचारी तैनात हैं. आपात स्थिति में उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए कोलकाता रेफर किया जाता है. कोलकाता मरीजों को स्थानांतरित करने के लिए रेलवे सुविधा से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, लेकिन एम्बुलेंस की आवाजाही के लिए कोई सीधा सड़क मार्ग उपलब्ध नहीं है, ऐसे में यह अस्पताल रेलवे कर्मचारियों के लिए अधिक सहायक और फायदेमंद हो सकेगा.

डीपीआरएमएस नेताओं ने अस्पताल को डाउनग्रेड करने की जगह 10,000 से अधिक रेलवे कर्मचारियों की चिकित्सा आवश्यकता को पूरा करने के लिए अपग्रेड करने की आवश्यकता पर जोर दिया. कहा कि क्षेत्र में लोग एकमात्र रेलवे अस्पताल पर पूरी तरह से निर्भर हैं. मेडिकल डायरेक्टर डॉ अंजना मल्होत्रा ने भी बिंदुओं पर गौर करने के बाद यथाचित कार्रवाई करने का आश्वासन मजदूर संघ के नेताओं को दिया है.

प्रेस विज्ञप्ति