क्या चाइल्ड पोर्न देखना अपराध, SC में फैसला सुरक्षित: केरल HC ने कहा था- अकेले देखना क्राइम नहीं; मद्रास HC बोला- अपने फोन में रख सकते

नई दिल्ली15 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट में केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि, फोन में बच्चों से जुड़े पोर्न वीडियो को डाउनलोड करना अपराध नहीं होगा। - Dainik Bhaskar

सुप्रीम कोर्ट में केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि, फोन में बच्चों से जुड़े पोर्न वीडियो को डाउनलोड करना अपराध नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (12 अगस्त) को चाइल्ड पोर्नोग्रॉफी से जुड़े एक मामले में सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि, फोन में बच्चों से जुड़े पोर्न वीडियो को डाउनलोड करना अपराध नहीं होगा।

केरल हाईकोर्ट ने 13 सितंबर 2023 को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि, अगर कोई व्यक्ति निजी तौर पर अश्लील फोटो या वीडियो देख रहा है तो यह अपराध नहीं है लेकिन अगर पर दूसरे को दिखा रहा है तो यह गैरकानूनी होगा।

दरअसल पहले केरल हाईकोर्ट और फिर उसी के आधार पर मद्रास हाईकोर्ट में एक आरोपी को दोष मुक्त हो जाने पर एनजीओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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केरल हाईकोर्ट ने कहा था- पोर्न देखना व्यक्ति की निजी पसंद, दखल नहीं दे सकते

केरल हाईकोर्ट की जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन की बेंच ने ये फैसला दिया था। जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने कहा था, पोर्नोग्रॉफी सदियों से प्रचलित है। आज डिजिटल युग में इस तक आसानी से पहुंच हो गई। बच्चों और बड़ों की उंगलियों पर ये मौजूद है।

सवाल ये है कि अगर कोई अपने निजी समय में दूसरों को दिखाए बगैर पोर्न देख रहा है तो यह अपराध है या नहीं? जहां तक कोर्ट की बात है कि, इसे अपराध की कैटेगरी में नहीं लाया जा सकता क्योंकि ये व्यक्ति की निजी पंसद हो सकती है। इसमें दखल उसकी निजता में घुसपैठ के बराबर होगा।

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था- फोन में चाइल्ड पोर्न डाउनलोड करना अपराध नहीं

केरल हाईकोर्ट की इस टिप्पणी को आधार बताते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2024 को पॉक्सो एक्ट के एक आरोपी के खिलाफ केस को रद् कर दिया था। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि, अपनी डिवाइस पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या डाउनलोड करना अपराध के दायरे में नहीं आता है।

कोर्ट ने 28 साल के एक व्यक्ति के खिलाफ चल रहे केस पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी। उस व्यक्ति के खिलाफ चाइल्ड पोर्नोग्राफी के आरोप में POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कानून और आईटी कानून के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया था।

3 पॉइंट्स में जानिए भारत में पोर्न वीडियो देखने को लेकर क्या हैं कानून

  • भारत में ऑनलाइन पोर्न देखना गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 में पोर्न वीडियो बनाने, पब्लिश करने और सर्कुलेट करने पर बैन है।
  • इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के सेक्शन सेक्शन 67 और 67A में इस तरह के अपराध करने वालों को 3 साल की जेल के साथ 5 लाख तक जुर्माना देने का भी प्रावधान है।
  • इसके अलावा IPC के सेक्शन-292, 293, 500, 506 में भी इससे जुड़े अपराध को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी में POCSO कानून के तहत कार्रवाई होती है।

भारत में तेजी से बढ़ रहा है पोर्न वीडियो का बाजार
2026 तक मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या 120 करोड़ होने की उम्मीद है। यही नहीं दुनिया की टॉप वेबसाइट ‘पोर्न हब’ ने बताया है कि औसत भारतीय एक बार में पोर्न वेबसाइट पर 8 मिनट 39 सेकेंड समय गुजारता है। यही नहीं पोर्न देखने वाले 44% यूजर्स की उम्र 18 से 24 साल है, जबकि 41% यूजर्स 25 से 34 साल उम्र के हैं।

गूगल ने 2021 में रिपोर्ट जारी कर बताया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा पोर्न देखने के मामले में भारत छठे स्थान पर है। वहीं, पोर्न हब वेबसाइट के मुताबिक इस वेबसाइट को यूज करने वालों में भारतीय तीसरे नंबर पर आते हैं।

अब ग्राफिक में देखिए पोर्नोग्रफी देखने के मामले में दुनिया के कौन से 10 देश टॉप हैं…

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कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस- पोर्न देखता था आरोपी, घर जाकर कपड़े धोकर सबूत मिटाए

कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 8 अगस्त देर रात ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न लाश मिली थी। पुलिस के मुताबिक, रेप के बाद उसकी हत्या की गई। प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। आरोपी पकड़ा गया है। उसके फोन में पोर्न वीडियो मिले हैं। वारदात के बाद उसने घर जाकर कपड़े धोए और सबूत मिटाए।
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