केरल में कोरोना से एक और मौत: 4 दिन में 7 लोगों की जान गई; देशभर में 24 घंटे में 656 नए मामले आए

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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कोरोना से देशभर में एक्टिव केस की संख्या 3 हजार 742 हो गई है। कोरोना का असर दक्षिण भारत के राज्यों में ज्यादा देखा जा रहा है। - Dainik Bhaskar

कोरोना से देशभर में एक्टिव केस की संख्या 3 हजार 742 हो गई है। कोरोना का असर दक्षिण भारत के राज्यों में ज्यादा देखा जा रहा है।

केरल में कोरोना से एक और मौत हुई है। राज्य में पिछले 4 दिनों के दौरान 7 लोगों की मौत हुई है। सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक केरल में कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। पिछले 24 घंटे में यहां 425 नए मामले सामने आए हैं।

देशभर में पिछले 24 घंटों के दौरान 656 केस मिले हैं। एक्टिव केस की संख्या 3 हजार 742 हो गई है। 24 घंटे में 333 लोग कोरोना से रिकवर हुए है। केरल में 296 लोग ठीक हुए हैं।

केरल के बाद कर्नाटक में कोरोना का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। यहां 24 घंटे में 104 नए मामले सामने आए हैं और 8 लोग ठीक हुए हैं। एक्टिव केस की संख्या कर्नाटक में 271 हो गई है।

केरल में क्यों बढ़ रहे हैं मामले?
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार 22 दिसंबर को कहा था- राज्य में नवंबर से कोविड केस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि यहां टेस्टिंग बाकी राज्यों से ज्यादा हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 को लेकर कहा कि स्थिति बिल्कुल नियंत्रण में है।

WHO का दावा- दुनियाभर में 1 महीने में 52% केस बढ़े
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, पिछले एक महीने में दुनियाभर में कोरोना के मामलों में 52% का इजाफा हुआ है। 19 नवंबर से 17 दिसंबर के बीच 8 लाख 50 हजार केस रिपोर्ट हुए हैं और 3 हजार मौतें हुई हैं। हालांकि इस एक महीने के दौरान डेथ रेट 8% घटा है। इसका मतलब पिछले महीने कोरोना से 8% ज्यादा लोगों ने दम तोड़ा था।

41 देशों में फैला JN.1 वैरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना का नया JN.1 वैरिएंट अब तक 41 देशों में फैल चुका है। फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा और स्वीडन में JN.1 के मामले सबसे ज्यादा हैं। भारत में 22 दिसंबर तक नए वैरिएंट के 23 मामले मिले हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सभी केसेस हल्के लक्षण के हैं।

WHO ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ में शामिल किया है। WHO ने बताया कि अभी तक का विश्लेषण कहता है कि मौजूदा वैक्सीन JN.1 वैरिएंट पर पूरी तरह से कारगर है। इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है।

हालांकि WHO ने सावधानी के तौर पर एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़ वाले, बंद या दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है। साथ ही आवश्यक दूरी बनाने को भी कहा गया है।

केंद्र का निर्देश- सभी जिले टेस्ट करें
केंद्र सरकार ने नए वैरिएंट को लेकर 18 दिसंबर को सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की। इसमें सभी राज्यों को ज्यादा से ज्यादा कोविड टेस्ट करने को कहा गया है। केंद्र ने पॉजिटिव सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब भेजने का निर्देश दिया है।

केंद्र के निर्देशों के अनुसार अभी ज्यादा घबराने या तुरंत प्रतिबंध लगाकर सीमा पर (केरल, तमिलनाडु राज्यों) निगरानी बढ़ाने की जरूरत नहीं है। हालांकि केरल और तमिलनाडु से लगे सभी सीमावर्ती जिलों को सतर्कता बरतनी चाहिए। क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान लोगों को खास तौर पर सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

भारत में कहां से आया JN.1 वैरिएंट ?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के मुताबिक 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में सबसे पहला JN.1 वैरिएंट सामने आया था। 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। हालांकि बाद में वह ठीक हो गई।

कोविड के सब-वैरिएंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई। यहां से यह तमाम देशों में फैलना शुरू हो गया। यह सब-वैरिएंट पिरोलो वैरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है। इसे इंसानी शरीर की इम्यूनिटी के खिलाफ खतरनाक बताया जा रहा है। यही वजह है कि नए सब-वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

अमेरिका में 8 दिसंबर को मिला था JN.1 का पहला मरीज
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कहा था कि 8 दिसंबर तक अमेरिका में सब वैरिएंट JN.1 अनुमानित 15% से 29% कोविड केस के लिए जिम्मेदार है। सितंबर में पहली बार JN.1 का मरीज सामने आया था।

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