श्रीनगर3 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चत्तरु में शुक्रवार को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया और तीन घायल हो गए। यहां तीन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। मुठभेड़ अभी चल रही है। इलाके में जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू किया। तभी मुठभेड़ हुई। घायल कर्मियों का अस्पताल ले जाया गया है।
जम्मू-कश्मीर में बीते 48 घंटे के भीतर अनंतनाग और किश्तवाड़ के बाद उधमपुर में भी सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। रविवार (11 अगस्त) की शाम सेना ने उधमपुर में 3-4 आतंकियों की मूवमेंट पकड़ी। इसके बाद सेना ने इन्हें पकड़ने के लिए बसंतगढ़ के जंगलों को हर तरफ से घेर रखा है।
सेना के मुताबिक, 6 अगस्त को ये आतंकी भाग निकले थे, लेकिन एक बार फिर इनको ट्रैप बनाकर घेर लिया गया है।
अनंतनाग, किश्तवाड़ के बाद उधमपुर में सेना का सर्च ऑपरेशन शुरू।
अनंतनाग और किश्तवाड़ में सर्च अभियान जारी वहीं किश्तवाड़ जिले में भी 11 अगस्त की सुबह जंगल में आतंकियों के होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों तरफ से कुछ देर के लिए फायरिंग हुई।
सेना, पैरामिलिट्री फोर्सेज और पुलिस नौनट्टा, नागेनी पेयास और आसपास के इलाकों में ऑपरेशन चला रही है। इलाके में और सुरक्षा बल भेज दिया गया है। आतंकियों की तलाश जारी है।
एक दिन पहले शनिवार (10 अगस्त) को अनंतनाग के कोकरनाग में आतंकियों की फायरिंग से हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा शहीद हो गए थे। 3 जवान और 2 नागरिक घायल हुए थे। इनमें से एक नागरिक की आज अस्पताल में मौत हो गई। यहां भी सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी है।
यह फुटेज अनंतनाग के अहलान गागरमांडू इलाके का है, जहां कल मुठभेड़ हुई थी।
अनंतनाग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर मुठभेड़ सुरक्षाबलों को अनंतनाग के कोकेरनाग बेल्ट के अहलान गागरमांडू जंगल में 10,000 फीट की ऊंचाई पर आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद इलाके की घेराबंदी करके सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ था।
इसी दौरान आतंकियों के एक ग्रुप ने पैरा कमांडो सहित सेना के जवानों और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ वाली जगह पर घनी झाड़ियां और बड़े-बड़े पत्थर भी हैं। यहीं पर आतंकी छिपे हुए हैं।
माना जा रहा है कि अनंतनाग मुठभेड़ में शामिल आतंकी 16 जुलाई को डोडा के मुठभेड़ में शामिल थे। वहां सुरक्षाबलों से बचने के बाद वे किश्तवाड़ जिले से अनंतनाग में घुसे हैं।डोडा में 15 जुलाई को आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन और पुलिसकर्मी समेत 5 जवान शहीद हो गए थे।
पुलिस ने चार आतंकियों के स्केच जारी किए
कठुआ पुलिस ने चार आतंकवादियों के स्केच जारी किए, जिन्हें आखिरी बार मल्हार, बानी और सियोजधार के ढोक में देखा गया था।
दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर की कठुआ पुलिस ने 10 अगस्त को 4 आतंकियों के स्केच भी जारी किए थे। इन्हें आखिरी बार कठुआ जिले के मल्हार, बानी और सोजधर के ढोक में देखा गया था। पुलिस ने आतंकियों की जानकारी देने वालों को 5 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। ये आतंकी कठुआ में हुए सेना के काफिले पर हमले में शामिल हैं।
डोडा-कठुआ में 24 आतंकियों के छिपे होने के सुराग जम्मू रीजन में मई से जुलाई में 10 आतंकी हमलों में 12 जवानों की शहादत के बाद सेना ने अब सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 7000 जवान, 8 ड्रोन, हेलिकॉप्टर्स, करीब 40 खोजी कुत्तों को लगाया गया है।
जवानों में ज्यादातर राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस के स्पेशल कमांडोज हैं। इन्हें डोडा और कठुआ जिलों की पीर पंजाल श्रेणी के जंगलों में उतारा गया है। यहां 5 लोकेशन की पहचान की गई है। सुरक्षा बलों को यहां करीब 24 आतंकियों की मौजूदगी के सुराग मिले हैं। इनमें 16 जुलाई को डोडा मुठभेड़ में शामिल आतंकी भी हैं।
डोडा के डेसा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन बृजेश थापा सहित 5 जवान शहीद हो गए।
लड़ाई लंबी चलेगी, खाने-पीने के सामान के साथ जवान तैनात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक डोडा और कठुआ पांच महीने से आतंकवाद के एपिसेंटर बने हुए हैं। कठुआ के बदनोटा से डोडा के धारी गोटे और बग्गी तक करीब 250 किमी में आतंकियों के छिपे होने के सबूत मिले हैं।
यहां 20 वर्ग किमी का एक बड़ा इलाका है, जहां से आतंकी आसानी से पहाड़ चढ़कर घात लगाकर हमला कर रहे हैं, इसलिए इन्हीं पहाड़ों पर जवानों को खाने-पीने के सामान व गोला बारूद के साथ तैनात किया है।
पहाड़ों पर विलेज गार्ड भी सेना ने जंगलों वाले ऊंचे इलाकों में विलेज गार्ड भी तैनात किए हैं। जम्मू-कश्मीर में साल 1995 में 25000 विलेज गार्ड सैन्य ट्रेनिंग के बाद रखे गए थे। बाद में इन्हें हटाया दिया गया। 14 अगस्त 2022 को इन्हें फिर तैनात किया गया। इन्हें 4 हजार रुपए महीना वेतन और हथियार देते हैं।
जम्मू के आतंकी विदेशी, इनकी ट्रेनिंग उन्नत रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने भास्कर को बताया कि जम्मू रीजन में बीते दिनों मारे गए आतंकियों की कद-काठी कश्मीर के आतंकियों से अलग है। प्राथमिक तौर पर स्पष्ट है कि ये सभी विदेशी हैं और पाकिस्तान आर्मी से ट्रेनिंग लेकर उतरे हैं। जबकि कश्मीर में बिना प्रशिक्षण के स्थानीय युवकों को आतंकवाद में झोंका गया।
सेना विदेशी आतंकियों की ताकत, कमजोरी और रणनीति तीनों समझ गई है। इन्हें जल्द ठिकाने लगाने के लिए ही इतना बड़ा ऑपरेशन शुरू हुआ है। अब हम इंतजार नहीं कर सकते। हमारे पास उनसे कई गुना ज्यादा ट्रेंड जवान हैं, उन्नत हथियार हैं। आतंकियों का पूरे रीजन से जल्द सफाया होगा।
जुलाई में जम्मू रीजन में दो बड़ी आतंकी वारदात…
8 जुलाई: कठुआ में आतंकी हमले में 5 जवान शहीद
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 8 जुलाई को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए। आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर स्नाइपर गन से फायरिंग की। सेना ने भी काउंटर फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गए। पूरी खबर यहां पढ़ें…
14 जुलाई: कुपवाड़ा में 3 आतंकी मारे गए
जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा के पास सुरक्षाबलों ने रविवार को 3 आतंकियों को मार गिराया। तीनों लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। इनके पास से पिस्तौल, गोला-बारूद बरामद किए गए। तीनों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…